वंशावली कैसे बनाया जाता है 2024 | Vanshavali Kaise Banta Hai

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बिहार में वंशावली कैसे बनवाएं?

वंशावली एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति के परिवार के इतिहास को दर्शाता है। यह दस्तावेज कई सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लिए आवश्यक होता है। बिहार में वंशावली बनाने की प्रक्रिया को पंचायती राज विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। इस लेख में हम बिहार में वंशावली बनाने की पूरी प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे।


प्रक्रिया:

बिहार में वंशावली बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:


आवेदन:

वंशावली बनाने के लिए आवेदक को संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को एक आवेदन पत्र देना होगा। आवेदन पत्र में आवेदक का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म तिथि, पता, और स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र शामिल होना चाहिए। आवेदन पत्र के साथ 10 रुपये का शुल्क भी जमा करना होगा।


जांच:

ग्राम पंचायत सचिव आवेदन की जांच करेगा और यदि आवेदन सही पाया जाता है तो वह आवेदन पत्र पर अपनी अनुशंसा करेगा।


अनुमोदन:

ग्राम पंचायत सचिव का आवेदन पत्र ग्राम कचहरी सचिव को भेजेगा। ग्राम कचहरी सचिव आवेदन पत्र की जांच करेगा और यदि आवेदन सही पाया जाता है तो वह आवेदन पत्र पर ग्राम कचहरी के सरपंच के हस्ताक्षर के लिए भेजेगा।


निर्माण:

ग्राम कचहरी के सरपंच आवेदन पत्र पर अपनी स्वीकृति देकर वंशावली जारी करेगा। वंशावली दो प्रतियों में जारी की जाएगी। एक प्रति आवेदक को दी जाएगी और दूसरी प्रति ग्राम पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखी जाएगी।


शुल्क:

वंशावली बनाने के लिए 10 रुपये का शुल्क देना होगा। दोबारा वंशावली बनाने के लिए 100 रुपये का शुल्क देना होगा।


समय सीमा:

ग्राम पंचायत सचिव को आवेदन प्राप्ति के अधिकतम सात दिनों के अंदर जांच कर ग्राम कचहरी सचिव को भेजना होगा। ग्राम कचहरी सचिव को आवेदन प्राप्ति के अधिकतम सात दिनों के अंदर आवेदन पर सरपंच के हस्ताक्षर के लिए भेजना होगा। ग्राम कचहरी के सरपंच को आवेदन प्राप्ति के अधिकतम 15 दिनों के अंदर वंशावली जारी करनी होगी।


आवश्यक दस्तावेज:

वंशावली बनाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

आवेदन पत्र

10 रुपये का शुल्क

स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र (उदाहरण के लिए, ग्राम पंचायत कार्यालय में पंचायत सचिव द्वारा संधारित पारिवारिक पंजी में उस व्यक्ति से संबंधित परिवार का विवरण, आवेदक के पूर्वज का जमीन का खतियान / बांसगीत पर्चा, ग्राम का वोटर लिस्ट, आधार कार्ड, सक्षम प्राधिकार द्वारा पूर्व में निर्गत निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र / मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, या मैट्रिकुलेशन अथवा अन्य कक्षा का नामांकन प्रमाण पत्र)


निष्कर्ष:

बिहार में वंशावली बनाने की प्रक्रिया सरल है। यदि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं तो आप आसानी से वंशावली बना सकते हैं।

एस. के. शर्मा

मैं एस. के. शर्मा, एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूँ। मैं सामान्य जानकारी, तकनीक, जीवन शैली, शिक्षा जैसे विषयों पर पिछले 6 वर्षो से अपनी जानकारी और अनुभव को लिख कर शेयर करता आ रहा हूँ। मैंने साइंस और टेक्नोलॉजी में पढ़ाई किया है। मुझे नई जानकारी पढ़ने और इंटरनेट पर अपने पाठकों के साथ हिंदी भाषा में सरल और आसान शब्दों में लिख कर शेयर करने में रुचि है।

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